दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और केजरीवाल के खास सिपहसालार मनीष सिसोदिया के व्यक्तित्व पर एक नजर ।

मनीष सिसोदिया का जन्म हापुड़ के एक मध्यमवर्गीय परिवार में 1972 में हुआ. उनके पिताजी शिक्षक थे. सिसोदिया ने भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने अलग-अलग संस्थानों में समाचारों के क्षेत्र में काम किया.
उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के साथ काम किया. इसके बाद वे जी न्यूज़ से जुड़ गए. यहां उन्होंने 2001 तक काम किया. सिसोदिया ने अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर 1999 में परिवर्तन एनजीओ बनाया. यह एनजीओ सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में काम करता था.
मनीष सिसोदिया, अरविंद केजरीवाल के साथ आरटीआई कैंपेन से भी जुड़े रहे. सिसोदिया उन चंद लोगों में से एक थे, जिन्हें अरुणा रॉय ने ''सूचना का अधिकार'' कानून का ड्रॉफ्ट बनाने के लिए चुना था.


बतौर केजरीवाल, परिवर्तन के प्रबंधन का काम मनीष सिसोदिया ही करते थे. 2006 में सिसोदिया ने केजरीवाल के साथ मिलकर पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन का गठन किया. वे कबीर नाम के एनजीओ में भी अहम भूमिका निभा रहे थे.
2011 में मनीष सिसोदिया, अरविंद केजरीवाल के साथ जनलोकपाल बिल का एक अहम चेहरा बन गए. विरोध प्रदर्शनों के दौरान उन्हें हिरासत में भी लिया गया था.
2012 में आम आदमी पार्टी के गठन के बाद सिसोदिया इसकी पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी के सदस्य बन गए. 2013 में हुए विधानसभा चुनावों में उन्होंने पटपड़गंज विधानसभा से बीजेपी कैंडिडेट नकुल भारद्वाज को हराया. 2015 के चुनाव में वे फिर इसी विधानसभा से चुने गए. 2020 के चुनावों में सिसोदिया तीसबी बार पटपड़गंज से चुने गए. हालांकि इस बार बीजेपी कैंडिडेट रवि नेगी ने उन्हें बहुत कड़ी टक्कर दी.


बीती सरकार के दौरान सिसोदिया केजरीवाल के बाद सरकार में नंबर दो पोजीशन पर थे. उनके पास वित्त, शिक्षा, राजस्व, ऊर्जा प्रशासनिक सुधार के विभाग थे.
मनीष सिसोदिया की पत्नी का नाम सीमा सिसोदिया हैं. वे सॉफ्टवेयर क्षेत्र में काम करती थीं ।