जनसंख्या नियंत्रण कानून भारत मे क्यो नही ।

दुनिया के 22 इस्लामिक देशों में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू है...
यहाँ तक कि पाकिस्तान जैसे देश ने भी इसे अपनाया हुआ है तो क्या वहाँ जनसंख्या नियंत्रण कानून इस्लाम के खिलाफ नहीं है...? 
लेकिन जैसे ही भारत में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की बात उठती है तो भारतीय मुसलमान यह कहकर विरोध करना शुरू कर देते हैं कि यह तो इस्लाम के खिलाफ है।
जब भी भारत में मदरसों-मस्जिदों में cctv कैमरे लगवाने की बात उठती है तो फौरन भारतीय मुसलमान विरोध करने लगता है कि यह इस्लाम में हराम है...
जबकि इन्ही का मक्का-मदीना पूरा cctv कैमरों से पटा पड़ा है तो क्या वहां cctv कैमरे इस्लाम में हराम नहीं हैं?
जो बात भारत में इस्लाम के खिलाफ होती है वह इस्लामिक देशों में इस्लाम सम्मत कैसे हो जाती है l
क्या दुनिया में 2 तरह के इस्लाम चलते हैं? 
भारत में अलग इस्लाम और बाकी के इस्लामिक मुल्कों में अलग इस्लाम?
जनसंख्या नियंत्रण कानून का विरोध सिर्फ मुसलमान ही क्यों कर रहे हैं जबकि वह भारत में दूसरी बड़ी आबादी हैं? 
जनसंख्या नियंत्रण कानून के लागू होने से भारतीय मुसलमान क्यों चिंतित होने लगता है? 
क्यों डरने लगता है? 
भारत में जैन, सिख, बौद्ध, पारसी, ईसाई समुदाय की जनसंख्या तो बहुत ही कम है लेकिन वे न तो डरे हुए हैं और न किसी प्रकार से चिंतित हैं? 
वे तो नहीं कर रहे जनसंख्या नियंत्रण कानून का विरोध? 
सिर्फ देश की दूसरी बड़ी आबादी ही परेशान है। 
जब जनसंख्या नियंत्रण कानून की सभी धाराएं भारत के सभी धर्म के लोगों पर समान रूप से लागू होंगी तो सिर्फ डर मुसलमानों को ही क्यों लग रहा है?
वास्तविकता यह है कि हजार वर्षों के संघर्ष में भारत को मुस्लिम देश नहीं बनाया जा सका तो अब रणनीति बदल दी गयी है। 
अब संख्या बल बढ़ाकर इस देश को जल्द से जल्द इस्लामिक देश बनाने की नीति अपनाई गई है।
मैंने बहुत समय पहले यू ट्यूब पर एक वीडियो देखा था जिसमें अफ्रीका का एक मुस्लिम धर्म गुरु इस्लामिक कॉन्फ्रेंस में मंच पर खड़ा होकर चिल्ला-चिल्ला कर कह रहा था...
"हमारी औरतों की कोख ही हमें जीत दिलाती है।"