महिला एवम बाल हिंसा रोकने के लिए बालिकाओं की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

वर्तमान वातावरण में महिलाओं एवं बालिकाओं को सुरक्षा प्रदान करने तथा जनसामान्य को जागरूक करने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग एवं युवा विकास मण्डल संस्था द्वारा संयुक्त रूप से किशोरी बालिका विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिला पंचायत सभाकक्ष में किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य जिले से महिला एवं बाल हिंसा की समाप्ती तथा बालिका लिंगानुपात एवं बालिका शिक्षा बढाने हेतु प्रयास करना है। 
    कार्यक्रम में अतिथि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समीर यादव, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती रचना बुधोलिया, श्रमपदाधिकारी प्रियंका बंशीवाल, सहायक संचालक आदिम जाति कल्याण विभाग, जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र अनिल श्रीवास्तव, प्राची राजपूत सूबेदार थाना कोतवाली, महिला सेल प्रभारी अर्षिया सिद्दिकी, जिला अभियोजन एवं जिला विधिक सहायता से अधिवक्ता, स्वास्थ्य विभाग शिक्षा विभाग के प्रतिभागीयों के साथ पर्यवेक्षक आंगनवाडी कार्यकर्ता आदि सम्मिलित हए। स्वागत भाषण कमलेश पाण्डेय समन्वयक जनसाहस द्वारा दिया गया।
    अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया की हमें महिला एवं बाल हिंसा की रोकथाम हेतु स्वये की एवं समाज की सोच बदलना होगी हमे अपने बच्चों से मित्रता पूर्णवातावरण निर्मित करना होगा। किसी भी नेक कार्य की शुरूआत हमे अपने घर से अपने पडोस से करना होगी। साथ ही लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम तथा किषोर न्याय अधिनियम के बारे मे विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। एवं बाल विवाह जैसी समाज मे फैली कुरीति को समाप्त करने हेतु सभी से अपिल की गई। 
    जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती रचना बुधोलिया ने बताया की 18 साल तक की उम्र के सभी बच्चों को अपने अधिकारो के प्रति जागरूक रहना है तथा लैंगिक हमला लैंगिक उत्पीडन और अश्लील साहित्य के अपराधों से बालकों का संरक्षण करने और ऐसे अपराधों का विचारण करने के लिए विशेष न्यायालयों की स्थापना की गई है। बालक के उचित विकास के लिये यह आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति द्वारा उसकी निजता और गोपनीयता का सम्मान करें। किशोर न्याय अधिनियम अंतर्गत बालकों को दि जाने वाली सुविधाओं के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गई। एवं विभाग द्वारा संचालित महिला हितैषी योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। तथा बेटी बचाओ बेटी पढाओ अंतर्गत बालिका शिक्षा सुरक्षा तथा बालिका लिंगानुपात बढाने हेतु चर्चा की गई।