लॉक डाउन में फसे मजदूरों को बसों में बैठकर घर के लिए किया रवाना ।

महाराष्ट्र से 1 लाख 70 हजार रुपए किराया देकर ट्रक से झारखंड पहुंचे मजदूर, सभी चले गए घर


रांची. ट्रकों पर सवार होकर मजदूरों का झारखंड आना जारी है। शुक्रवार की रात ट्रक से 12 मजदूर महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले से मांडर पहुंचे। इसके अलावा भी कई जिलों के मजदूर इस ट्रक पर बैठे थे। मांडर पहुंचे मजदूरों ने बताया कि ट्रक वाले ने 1 लाख 70 हजार रुपए किराया लिया और बुंडू में उतार दिया। इसके बाद वो किसी तरह मांडर पहुंचे और रेफरल अस्पताल गए। वहां से उन्हें रिम्स जाने के लिए कहा गया। पर वाहन की कोई व्यवस्था ना होने की वजह से सभी मजदूर अपने घर चले गए।
राजधानी रांची में शनिवार को अन्य दिनों की अपेक्षा काफी कम लोग सड़क पर नजर आए। लॉकडाउन के साथ ही गर्म मौसम की वजह से लोगों ने घरों में ही रहना उचित समझा। जगह-जगह पुलिसकर्मी लोगों को रोककर पूछताछ भी कर रहे हैं। इस वजह से भी लोग घरों से बाहर निकलने में परहेज कर रहे हैं।



दो बसों के माध्यम से मजदूरों को पश्चिम बंगाल के लिए रवाना किया गया।
इधर, खलारी में फंसे पश्चिम बंगाल के मजदूरों को शनिवार को बसों के माध्यम से उनके घरों के लिए भेजा गया। इस दौरान मजदूरों की पहले मेडिकल स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद दो बसों पर बैठाकर उन्हें रवाना कर दिया गया।
रिम्स में कोरोना संदिग्धों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से स्क्रीनिंग
इधर, रिम्स प्रबंधन कोरोना संदिग्ध लोगों की स्क्रीनिंग कर रहे डॉक्टरों को संक्रमण से बचाने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) की मदद ले रहा है। अब स्क्रीनिंग के दौरान संदिग्ध और डॉक्टर एक-दूसरे के संपर्क में नहीं आएंगे। शुक्रवार को कोविड वार्ड के ग्राउंड फ्लोर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग शुरू हुई। रिम्स निदेशक ने बताया कि ग्राउंड फ्लोर के हॉल में सीसीटीवी, 4 कैमरे व 2 टीवी स्क्रीन लगाए गए हैं। इस दौरान डॉक्टरों को पीपीई किट की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। फिर यदि वे चाहें तो पहन सकते हैं। शुक्रवार को 110 लोगों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपनी स्क्रीनिंग कराई।